कौन कहता है कि मुसलमानों में हिन्दू समाज की तरह मुस्लिम मनुवाद मुस्लिम ब्राह्मण वाद या जातिवाद नहीं – वसीम राईन

कौन कहता है कि मुसलमानों में हिन्दू समाज की तरह मुस्लिम मनुवाद मुस्लिम ब्राह्मण वाद या जातिवाद नहीं – वसीम राईन

बाराबंकी- ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहाँ कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल मुस्लिम आबादी 19.23% फ़ीसदी हैं इनमें पिछड़े,दलित यानी पसमांदा मुसलमान करीब 16% फ़ीसदी जिसमें अंसारी बुनकर, मंसूरी, कुरैशी, राइनी, घोसी, शाह, बंजारा, नाई, दर्जी, मनिहार, मुस्लिम मेहतर, धोबी, मोची, नट, कंकाली आदि हैं बाकी 3.23 % में करीब 3 % अकेले खान, पठान , सिद्दीकी जैसी मुस्लिम बिरादरियॉ हैं बाकी करीब 0.50% आधा प्रतिशत मुस्लिम आबादी में शिया और तथाकथित सय्यद या सवर्ण मुसलिम वगैरह हैं फिर भी हैं ।
देश के सभी बड़े धार्मिक -दीनी इदारो जैसे जामा मस्जिद, देवबंद, नदवा , दारूल वलूम फिरंगी महल, महरैरा शरीफ, देवा शरीफ, अजमेर शरीफ सहित 99% फ़ीसदी दरगाहो दीनी मदरसों के साथ – साथ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड जमीयत उलमे हिन्द वगैरह पर सिर्फ इन्हीं आधा फ़ीसदी तथाकथित सय्यद घरानो मुस्लिम ब्राह्मणों का ही खानदानी कब्जा है ।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहाँ की
देश की लगभग सभी सियासी पार्टीयो में सिर्फ 3% फ़ीसदी खान, पठानों, सिद्दीकी, काजी, सय्यद,अल्वी, मिर्जा, मिल्की या फिर शिया मुसलमानों का ही 95% फ़ीसदी कब्जा है.सपा,कांग्रेस,बसपा जैसी तथाकथित सिकुलर पार्टियों में पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी शून्य हैं
सबसे अफसोसनाक बात ये है कि जैसे ही पिछड़े ,दलित मुसलमान मुसलमानों की सभी मुस्लिम बिरादरियो के आबादी के अनुपात में बराबरी की समाजी -सियासी हिस्सेदारी की बात करते हैं, मुसलमानों का यही जातिपरस्त- कुनबापरस्त, मुस्लिम ब्राह्मण गिरोह ,इस्लाम -कुरआन का हवाला देकर इन्हें बरगलाना-धमकाना शुरू कर देता है
लेकिन ये इस सवाल का जबाब भी नहीं देना चाहते कि शाही इमाम या शहर काजी का बेटा ही शाही इमाम और शहर काजी बनेगा, ये इस्लामी तरीका है या फिर हिन्दू ब्राहमनवाद मनुवाद ,जातिवाद का ही बदला हुआ धार्मिक स्वरूप है और इसके जिम्मेदार गुनहगार हम पिछड़े, दलित यानी पसमांदा मुसलमान नहीं, बल्कि यही तथाकथित सवर्ण मुसलमान या अशराफ मुस्लिम (मुस्लिम ब्राह्मण )हैं

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